वहां से पानी कि एक बूँद भी न निकली..
तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे हम…...🐾✍🏻
वो शख्स मेरी हर कहानी,हर किस्से में आया,
जो मेरा हिस्सा होकर भी,मेरे हिस्से में नहीं आया
तुझे शि कायत है... कि मुझे बदल दिया है वक़्त ने.....!!
कभी खुद से भी तो सवाल कर... ‘क्या तू वही है'.....!!
कभी तुम पूछ लेना, ...
कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें....
छुपाकर ....दिल के दर्द को,
एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे.....

0 comments:
Post a Comment